चुनाव का दौर है,
यह भी चला जायेगा
कुछ दे और कुछ ले जायेगा
संभल कर करना अपना मतदान
यह दौर फिर लौट के नहीं आएगा
सोच को बदलो, उस नेता का बदलो
इस बात का भ्रम बस कुछ दिन
बाद सब के मन से निकल जायेगा
आशा पूरी कहाँ होती है
निराशा ही तो फिर साथ होती है
फिर घर पहुँच कर यारो यह
न कहना, की मैने गलत
नेता को वोट कर दिया
बस गलत नेता
को वोट कर
दिया !!
अजीत तलवार
मेरठ
यह भी चला जायेगा
कुछ दे और कुछ ले जायेगा
संभल कर करना अपना मतदान
यह दौर फिर लौट के नहीं आएगा
सोच को बदलो, उस नेता का बदलो
इस बात का भ्रम बस कुछ दिन
बाद सब के मन से निकल जायेगा
आशा पूरी कहाँ होती है
निराशा ही तो फिर साथ होती है
फिर घर पहुँच कर यारो यह
न कहना, की मैने गलत
नेता को वोट कर दिया
बस गलत नेता
को वोट कर
दिया !!
अजीत तलवार
मेरठ
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