संसार का नियम है, की परिवर्तन होना जरूरी है, पर आज जो घटना हुई है, उस ने हर परिवर्तन को झकझोर दिया है, एक बाप का बेटी के प्रति जो सम्मान होना चाहिए, जिस को इतने नाजों के साथ पाला पोसा जाता है, और कितने ही अरमान एक बाप के दिल के अंदर होते है, की मेरी बेटी बड़ी होकर मेरा नाम रोशन करेगी, और शादी हनी के बाद मेरे घर का नाम भी रोशन करेगी.न जाने क्या क्या सोचता है इंसान...पर आज जो घटना हुई उस ने बाप नाम के शब् को कलंकित कर दिया , सारी मरियादाओं का हनन कर के रख दिया, क्या इतनी घिनोनी सोच भी हो सकती है एक बाप की..आज तक दुनिया में बलात्कार की घटनाये जिस पारकर बढ़ रही हैं,.बस इस घटना ने उन सब को इतना पीछे छोड़ दिया है, की वो सब बेकार लगने लग गयी हैं..जिस बाप ने यह काम किया है,..अगर वो मेरे इन शब्दों को पद ले तो जल्दी जाकर किसी ट्रेन के नीचे अपना सर रख कर अपने को खत्म कर ले..अन्यथा जहाँ कहीं भी वो नजर आएगा...शायद बचना मुश्किल होगा उस का...
में कड़े शब्दों में इस करतूत की घोर निंदा करता हूँ...
अजीत कुमार तलवार
मेरठ